“ हम सब मिलकर साथ चलें “
“ हम सब मिलकर साथ चलें “
तुम्हारे साथ मिल के
एक छोटा आशियाँ बनाएंगे
रहेंगे प्यार से हम सब
नई दुनिया बसायेंगे !!
यहाँ मंदिर प्रेम का होगा
यहाँ सब की मूर्तियाँ होंगी
कभी तकरार न होगा
कवायत सब धर्म की होगी !!
हम मिल के ईद -दीवाली
धूम -धाम से मनाएंगे
सब मानव एक जैसे हैं
मानवता का धर्म निभाएंगे !!
हवा भी बहती है एक सी
गगन भी एक जैसा है बना
हमारे खून का भी रंग एक हैं
रूप भी एक जैसा है बना !!
किसी के कहने में भला
लड़ाई हम क्यों करें ?
अपने लोगों के बीच में
नफरत हम क्यों भरें ?
आपस में जो हम लड़ते रहेंगे
कमजोरियों सब जान जाएंगे
हमारी एकता के नब्ज
को दुश्मन पहचान जाएंगे !!