बरसात
बरसात
जब जब तुम,
घने मेघों के साथ आती हो,
काली परछाई फैला देती हो।
मेरे मन को,
सुकून मिलता कोई तो है जो मेरे पास आता है।
तुम्हारे आने की,
आहट वो तुम्हारा गर्जना हमेशा मेरे दिल को भाता है।
तुम्हारा धीरे धीरे,
पास आकर धरती को चूमना अच्छा लगता है।
लेकिन जब तुम मेरे कमरे की,
खिड़की से गुजर कर आवाज करती हो
टप टप मुझे तुम पर बड़ा प्यार आता है,।
तुम्हारे साथ बात करते करते,
कब रात कट जाती है पता नहीं चलता है।
तुम्हारे साथ,
मेरा भी गगन चूमने का दिल करता।
एक कागज कलम लेकर,
हमेशा तेरे पास बैठकर,
तुझ से घंटों बात करने को जी चाहता है।
जब जब खुद को,
अकेला पाया तूने हमेशा साथ दिया।
तेरे आने से,
मुझे हमेशा खुशी मिली।
तेरी बूँदों की,
टप टप आवाज ने हमेशा मुझे सुकून दिया।
तेरी इस बरसात ने
मुझे हमेशा प्यार दिया।