बचपन
बचपन
बच्चों का बचपन कभी छीनना नहीं,
बच्चों को उम्र से पहले बड़ा करना नहीं ।
एक बार बचपन खो गया तो,
लौटेगा नहीं,
बच्चों को बचपन जीने देना,
जिम्मेदारी में उलझाना नहीं ।
बच्चों को अपनी उम्र से जोड़ना नहीं,
उन्हें किसी बंधन में बांधना नहीं ।
कभी तुम ही बच्चों के साथ बच्चा बन जाना,
लेकिन उन्हें बचपन जीने से रोकना नहीं ।
नियम अनुशासन तो,
एक दिन वो समझ ही जाएंगे,
बचपन में रोकटोक कर उन्हें,
मार डांट लगा कर,
उन पर चीखना चिल्लाना करना नहीं।
आंख दिखाकर ऊंचा बोलकर उन्हें डराना नहीं,
उनकी उमंगों को दबाना नहीं,
रंगों में सतरंगी होने से उन्हें रोकना नहीं ।
बच्चे हैं उन्हें अपनी बड़ी उम्र से जोड़ना नहीं
उनकी मौज मस्ती में दखल देना नहीं ।
अभी तो उन्होंने घर के आँगन में खेलना सीखा है,
उनके इस आँगन में कांटे बोना नहीं ।
बच्चों का बचपन तो,
उनकी नटखट शरारतों में है।
आज नहीं तो कल उन्हें बड़ा होना ही है,
जिम्मेदारियों का बोझ उनके कंधों पर आना ही है।
इसलिए बच्चों की भावनाओं को दबाना नहीं,
बच्चों का बचपन उनसे छीनना नहीं ।
