हमारी प्यारी माँ
हमारी प्यारी माँ
माँ आप उस चट्टान की भाँति हैं,
जिसे मैंने कभी झुकते नहीं देखा।
माँ आप उस जल वेगवान की भाँति हैं,
जिसे मैंने उछाल भरते हुए, गिरते हुए,
फिर भी संभलते हुए देखा है।
आप उस फूल की भांति है,
जो अनन्त कांटों के बीच रहकर भी,
खिलना नहीं भूलता है ।
आप उस समुद्र की भाँति हैं जिसे,
मैंने समस्त दुखों को अपने भीतर,
समाते हुए देखा है ।
आपने जो जिम्मेदारी अपने परिवार के लिए निभाई है,
वह भी एक वट वृक्ष से कम नहीं है,
भले ही कितने वृक्षों की शाखाएं उस वृक्ष से जुड़ जाए,
लेकिन वह कभी अपनी जड़े नहीं तोड़ता है ।
मैंने आपको उस मृत्तिका से निर्मित होते हुए देखा है,
जो कभी विरल नहीं होती है।
मैंने आपको उस शिला की भाँति देखा है,
जो क्षिप्र उक्ति नहीं होती है ।
मैंने तीव्र वर्षा की भाँति दुखों को,
आपके जीवन में बरसते हुए देखा है,
लेकिन आपने उसका सामना भी,
ठोस चट्टान की तरह किया है ।
चौबीस घंटे बिना रुके जो काम,
आपने हमारे लिये किया है।
ये सब कोई और नहीं,
बस एक माँ ही कर सकती।
आपके इस समर्पण के लिए हम सब निःशब्द हैं,
हम सभी बच्चे आपके कृतज्ञ हैं।