समय को लिख नहीं पाया तो लेखन हार जायेगा। समय को लिख नहीं पाया तो लेखन हार जायेगा।
यह बात तो, किसी के भी समझ ना आई है यह बात तो, किसी के भी समझ ना आई है
भाई में भाईचारे का अभाव देश से देश प्रेम का अभाव भाई में भाईचारे का अभाव देश से देश प्रेम का अभाव
समझे हैं न समझेंगे दुनिया वाले विशाल की हंसी का राज। समझे हैं न समझेंगे दुनिया वाले विशाल की हंसी का राज।
हर मन्जिल जैसे सपना और तुम में तो शक्ति है प्रिये। हर मन्जिल जैसे सपना और तुम में तो शक्ति है प्रिये।
भोग मुक्त इश्क की परिभाषा स्पर्श से परे स्पंदनों में सिमटकर तुम्हारी आगोश में भी रहूँ मैं... भोग मुक्त इश्क की परिभाषा स्पर्श से परे स्पंदनों में सिमटकर तुम्हारी ...