माँ खिलता फूल
माँ खिलता फूल
माँ वो खिलता हुआ फूल है
जो मुस्कराहट बांटती रहती है
रहकर स्वयं तकलीफ में भी
सबको सहारा देती रहती है
माँ वो खिलता हुआ फूल है
जो मुस्कराहट बांटती रहती हैII
कभी आँचल में छिपाती
गलती होने पर गुस्सा करती
तो कभी प्यार से समझाती है
मैं रोता तो चुप मुझे कराती है
माँ वो खिलता हुआ फूल है
जो मुस्कराहट बांटती रहती हैII
माँ की ममता का छाया अनमोल है
चरणों में जन्नत इसका ना मोल है
कितनी भी हो परेशानियाँ जीवन में
कभी भी उफ्फ न वो करती है
माँ वो खिलता हुआ फूल है
जो मुस्कराहट बांटती रहती हैII
प्यार भरपूर खुशियों से झोली भरती है
गिरने पर संभालती चलना हमें सिखाती है
नींद न आने पर लोरी गाकर सुलाती है
हमारे हर मर्ज की दवा वो होती है
माँ वो खिलता हुआ फूल है
जो मुस्कराहट बांटती रहती हैII