STORYMIRROR

Poonam Singh

Inspirational

4  

Poonam Singh

Inspirational

"राम की महिमा "

"राम की महिमा "

1 min
255


राम जन्म पुनीत काल

दशरथ नंदन

कौशल्या पुत्र का अभिनंदन


आचरण शिष्ट 

गुरूओ की वाणी 

राम निशाचरों के तारणहार


वैदेही संग पाणिग्रहण संस्कार

किया जनक को उऋण राम

पतित पावन सीता राम


मातृ वचन निर्वाह किया

रखी पिता की लाज

वन गमन प्रतिज्ञा बंध

भार्या सीता अनुज लक्ष्मण संग

खोला भक्तों का मुक्ति मार्ग


शबरी को भी मुक्ति देना था

ग्रहण कर उसके जूठे बेर

नवधा भक्ति का महत्व बता 

शबरी को भेजा निज धाम


हनुमत भक्ति की रीत निभाई

लगा हृदय से प्रीत जताई


सुग्रीव संग मैत्री कर 

धू धू हुई सोने की लंका और किया

रावण के अहंकार का अंत


मत उलझना उन वक्तव्यों में

घर का भेदी लंका दाहे 

दिया विभीषण ने धर्म का साथ

 उसकी भक्ति तप स्वर्ण हुई

पा लिया राम के चरणों में स्थान 


भक्ति अहंकार की बंदिनी नहीं

ये मर्यादा व निष्ठा सापेक्ष हैं

दिया संदेश सकल जगत को 

किया रावण के मद का अंत

और किया मुक्त भक्तिन 

 सीता को


धर्म और सत्य की स्थापना कर

राम लौटे अयोध्या धाम 

माता केकई का हाथ थाम 

भरत के शीश पर हाथ रख

 दिया साधक को भक्ति का दान


राजमाता कौशल्या संग

गुरूओ की आज्ञा मान

संभाला राज्य का भार 


रघुपति राघव राजा राम 

पतित पावन सीता राम


" राम " हैं बीज मंत्र जिसने ये साध लिया

 उसने भवसागर पार पा लिया। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational