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Poonam Singh

Inspirational

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Poonam Singh

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बिन गुरु ज्ञान नहीं

बिन गुरु ज्ञान नहीं

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दो पैरों की चाल 

उत्तम राह सिखाई मेरी माँ ने

जीवन दृष्टा है वो 

और कुल गुरु भी है


 कर्तव्य परायण पिता की सीख

उचित अनुचित की 

सूझ बुझ 

जीवन के संकरे रास्ते खोलते है

वह पथ प्रदर्शक है


जिंदगी को राह मिले 

पहचान मिले

सही मुकाम मिले

भीड़ से दूर अस्तित्व की

गुहार में 

शिक्षक ने किया मार्ग दर्शन


बिन गुरु ज्ञान नहीं

आँखों की रौशनी भले ही

लौट आये चश्मे से

पर ज्ञान की रोशनी मिलती 

सिर्फ गुरु से


झरने सा बहते चलो

आशंसा ना रखो

विमोहक जग के 

वासी हम 

मृगतृष्णा से भरी पड़ी 


कील कंकडो पर चलते 

गुरु के संरक्षण में

मंज़िल को पा ही लोगे 

जो तुम रहो 

पुरो होशो हवाश में ...


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