" प्रदूषित हवा "
" प्रदूषित हवा "
वो अपने आँचल में उगाती हैं
चाँद और सूरज और
ढाँपती हैं बच्चों को
प्रदूषित हवाओं से
मनुष्य ने लांघी
अतिक्रमण की हर सीमा
सड़कों पर दनदनाती मोटर गाड़ियां
धुआँ उगलते फैक्टरियों ने भी
कोई कसर ना छोड़ी
हवाओं में जहर घोलने से
सर्द हवाओं की सौगात
और इस मधु मास में प्रदूषण
का कहर घात लगाए
आ बैठा हमारी अंतड़ियों में
बिन बुलाये मेहमां की तरह
दम घोटु जिंदगी जीने के लिए
खो खो करते बच्चे बुड्ढे
खेतों की पराली
धुआँ बन आँखों में
समा गई
बिखरे ख़्वाब की तरह
बार बार आंखों को गीला कर जाती
प्रकृति के फेफड़ों में समाई
प्रदूषित तैरती हवा
पृथ्वी की साँसों की घुटन बन गई
झुलस गए उसके बिखरें केस
प्रदूषित हवाओं को थामने में
कहीं हमारी ये भूल तो नहीं इन
हवाओं से समझौता
करने में.....