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निशान्त "स्नेहाकांक्षी"

Tragedy

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निशान्त "स्नेहाकांक्षी"

Tragedy

विवेचना

विवेचना

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सामाजिक शास्त्र या भूगोल,

या फिर लूं भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान,

मंजिलें तो पारदर्शी हैं,

पथ का चुनाव ही मील है,


उस गरीब मेधावी छात्र के माथे पर बनी

उधेड़बुन की आड़ी तिरछी लकीरें,

बयां कर रही उसकी असमंजस की दुविधा,

भविष्य के गर्त में छुपे कुछ मंजिलों की सीढ़ी,


उसके बारहवीं में विषयों के चुनाव पर आश्रित है ,

किंतु उस मेधावी के ध्यान चक्षु,

विषयों से ज्यादा पुस्तकों के उस पृष्ठ पर है,

जहां अंकित है पुस्तक का मूल्य!

विषयों के चयन से अधिक,

पुस्तक के मूल्य की विवेचना!


सर्वाधिक महत्वपूर्ण है पुस्तक का वह पृष्ठ,

जहां मुद्रित है पुस्तक का अधिकतम खुदरा मूल्य !

इसी पृष्ठ से निर्णय होगा,

सामाजिक शास्त्र या भूगोल

या रसायन, भौतिक अथवा जीव रूपी विज्ञान का !



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