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Madhu Gupta

Inspirational

4.5  

Madhu Gupta

Inspirational

पुरुषोत्तम राम

पुरुषोत्तम राम

1 min
383


मानकर पिता की आज्ञा,जो वनवास अपने लिए चुनता है l

हर किसी पर रखता दया भाव, ह्रदय जिसका निर्मलता से भरता है ll

दुखों को जीवन भर सहकर, होठों पर हमेशा मुस्कान सजाता है l

वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर, इस संसार में श्रीराम कहलाता है ll


रामनवमी के दिन अयोध्या नगरी में मां कौशल्या के गर्भ से जन्म लेता है l

पिता दशरथ और तीन माताओं का जेष्ठ पुत्र कहलाता है ll

लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न उसके अनुज भाई कहलाते हैं l

वह देकर स्नेह अपार उनको,  आदर और सत्कार हमेशा भाइयों का पाता हैं ll


छोड़ के घर बार लक्ष्मण और पत्नी सिया संग, वन को वो चुन लेतलेता हैं l

पल भर की ना देरी करता, नंगे पैर वन को निकल वह पड़ता हैं ll

सारी अयोध्या नगरी बिलखती छोड़, माता पिता का मान वो हृदय से रखता हैं l

ऐसा गौरवान्वित पुत्र इस दुनिया में, बहुत खुश किस्मत वालों को ही मिलता है ll


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