राम भक्ति
राम भक्ति
राम नाम है भक्ति की निर्मल धारा, राम नाम ही है,
मोक्ष का द्वारा, राम नाम बिन नहीं तनिक गुजारा।
जपते रहो हर पल राम का नाम, हर प्राणी का इसी मे कल्याण।
राम ही है मर्यादा की पहचान,
कर्म करोगे हर पल अत्छे, कभी न बिगड़ेंगे किसी के काम,
जपते रहो हर पल राम का नाम।
राम नाम जिसने भी अपनाया, हर कार्य में सफल हो पाया,
कभी न उसके बिगड़े काम, जपते रहो हर पल राम का नाम।
पत्धर अहिल्या को राम ने था तारा, अत्याचारियों का किया
सफाया, भीलनी को दर्श दिखाए, साधू सन्तों के प्राण
बचाए, यही हैं तुल्सी, वाल्मीकी के वरदान, जपते रहो हर पल राम जी का नाम।
वचन पिता का राम ने निभाया, आज्ञाकारी पुत्र कहलाया,
हर निर्धन को गले लगाया, इन्सानियत का पाठ पढ़ाया,
राम ही हैं पुण्य, राम ही गंगा, राम ही हैं चारों धाम
जपते रहो हर पल राम जी का नाम।
कहे सुदर्शन राम बिना जीवन
अधूरा, राम रस बिना भजन नहीं पूरा, राम ही हैं जग का
कल्याण, जपते रहो हर पल राम जी का नाम।