मेरी मां
मेरी मां
स्वर अति मधुर है जिसकी ,
कण-कण में ममता है विद्यमान ,
नीले अम्बर से है जो महान,
वही तो है मेरी माँ।
गंगा जल के जो है समान ,
प्यारी सी जिसकी है मुस्कान,
आत्मा से जो दुर्गा समान,
वही तो है मेरी माँ।
संतान सुख जिसकी अरमान ,
ममता है जिसकी पहचान ,
हर पल ले ईश्वर का नाम ,
वही तो है मेरी माँ।
सुन्दर ,प्यारी,करुणाकारी,
मेरे लिए सबसे दुलारी ,
करती नहीं है कभी अभिमान,
वही तो है मेरी माँ।