ट्रांस गर्ल की इच्छा
ट्रांस गर्ल की इच्छा
जब जेंडर बदलवाकर,
मैं स्त्री का शरीर पाऊंगी,
तभी तो मैं भी,
एक नारी कहलाऊंगी,
जो सपने देखे हैं बचपन से,
उसे पूरा कर पाऊंगी,
अपनी गोद में मैं भी,
प्यारा-सा बच्चा खिलाऊंगी,
स्त्री बनने पर ही तो मैं,
पत्नी धर्म भी निभाऊंगी,
अपने मायका में मैं भी,
बेटी बनकर जाऊंगी,
ससुराल में मैं भी एक दिन,
संस्कारी बहू कहलाऊंगी,
अंदर में छुपे स्त्रीत्व को,
महसूस कर पाऊंगी,
मैं भी एक दिन कभी,
दादी बन जाऊंगी,
घर में बहू आते ही,
फिर सास बन जाऊंगी,
मैं भी कभी एक दिन,
परिवार बसा पाऊंगी,
स्त्री बनकर ही तो मैं,
खुद को पाऊंगी ।
