जीवन का गीत
जीवन का गीत
कोयल की तान मुझे भी अच्छी लगती है,
उसका स्वर मेरा भी मन लुभा लेता है,
उसकी कूक वसन्त के आगमन का
मधुमय सन्देश सुनाती है।
मुझे स्वीकार है कि
वह स्वर का वरदान है।
पर उसका गान,
हर समय सुना नहीं जा सकता।
पतझड़ के आते ही
उसका स्वर बन्द हो जाता है।
पर मुझे कोई जब चाहे
रोक नहीं सकता।
जीवन का गीत
कभी रुक नहीं सकता।
पतझड़ हो या मधुमास
मुझे परवाह नहीं।
मेरा गान बन्धन में
नहीं रह सकता,
मुझे कोयल सम
बनाने का प्रयत्न मत करो।