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Shyamla Tandon

Inspirational

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Shyamla Tandon

Inspirational

नारी

नारी

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अपने में पूर्ण शब्द है नारी

माँ बहन बेटी पत्नी

हर रूप एक परिभाषा

पूर्ण करे सबकी अभिलाषा

लक्ष्मी, सरस्वती, भवानी

अन्नपूर्णा और कितने नाम गिनाऊँ

सृष्टि की रचनाकार कहूँ या

संगीत की लय ताल

सरिता की तरंग कहूँ या

झरने की झंकार

सूरज की चकाचौंध कहूँ या

विधु की शीतलता

नभ में तारों की चाँदनी कहूँ या

या सृष्टि का श्रंगार

हिरनी की चाल कहूँ या

मदमस्त पवन का स्पर्श

फूलों की सुगंध कहूँ या

तितली की कोमलता

कोयल की कूक कहूँ या

भौंरे की गुनगुन

जैसे गागर में है सागर

नारी तू है अपरम्पार

किस किस उपमा से

तुझे पुकारूँ

तेरे बिन घर है सूना

जग है सूना

सृष्टि सूनी ।।

तू ही तो है घर की रौनक

जग की धड़कन और इस

सृष्टि की जननी ।।

नारी तुझे नमन

बारम्बार नमन ।।



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