देश की जनता
देश की जनता


ना मैं हिन्दू ना मैं मुस्लिम
मैं हिंदुस्तान की जनता हूँ
रौनक इसकी बढ़ाने वाली
दिन रात मेहनत करती हूँ।।
भाईचारे संग प्रेम सिखाती
लोकतंत्र का फंदा हूँ
भेद ना करती धर्म-जाति का
मिलजुल कर मैं रहती हूँ।।
चौहनों से गुलाम वंश तक
सबकी सत्ता का कारण हूँ
मुगल राज की शान बढ़ाती
हिंदुस्तान का गौरव हूँ।।
अंग्रेज़ो से मुक्ति पाई
त्याग, बलिदान की मूरत हूँ
हर परिस्थिति का करती सामना
धरती माँ की सूरत हूँ।।
अपनी समस्या खुद सुलझाई
शुद्ध हिंदुस्तान की नियत हूँ
अतिथियों का सम्मान हूँ करती
सुंदर परंपरा की जननी हूँ,
मैं हिंदुस्तान की जनता हूँ||