STORYMIRROR

Phool Singh

Inspirational

4  

Phool Singh

Inspirational

देश की जनता

देश की जनता

1 min
273



ना मैं हिन्दू ना मैं मुस्लिम

मैं हिंदुस्तान की जनता हूँ 

रौनक इसकी बढ़ाने वाली 

दिन रात मेहनत करती हूँ।।


भाईचारे संग प्रेम सिखाती 

लोकतंत्र का फंदा हूँ 

भेद ना करती धर्म-जाति का 

मिलजुल कर मैं रहती हूँ।।


चौहनों से गुलाम वंश तक 

सबकी सत्ता का कारण हूँ 

मुगल राज की शान बढ़ाती 

हिंदुस्तान का गौरव हूँ।। 


अंग्रेज़ो से मुक्ति पाई 

त्याग, बलिदान की मूरत हूँ

हर परिस्थिति का करती सामना 

धरती माँ की सूरत हूँ।।


अपनी समस्या खुद सुलझाई 

शुद्ध हिंदुस्तान की नियत हूँ 

अतिथियों का सम्मान हूँ करती 

सुंदर परंपरा की जननी हूँ,

मैं हिंदुस्तान की जनता हूँ||


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational