STORYMIRROR

lalita Pandey

Inspirational

4  

lalita Pandey

Inspirational

लक्ष्य

लक्ष्य

1 min
158

लक्ष्य कैसा भी हो

निडर होकर बढ़

कुछ हार कुछ जीत का

समावेश है लक्ष्य

रो कर नही हँस कर


आगे बढ़

आज की घड़ी मुश्किल है थोड़ी 

नजर धुंधली

नकारात्मक क्षण होगा

भयभीत होगा हदय तेरा

मंजिल कोसों दूर दिखेगी


बस थाम ले हाथ आत्मविश्वास का

तोड़कर कपाट अंधकार का

जला ले लौ संघर्ष की

आसमां भी झुकेगा

पथ में तुम्हारे

ईश तो भीतर ही है तेरे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational