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lalita Pandey

Others

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lalita Pandey

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आशीष देकर ज्ञान का

आशीष देकर ज्ञान का

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आशीष दे वो ज्ञान का

संग ले चला मुस्कान बस

देख कर हर्षित है वो

निर्भीक है तू राह में।


भ्रमित है बस तेरे 

राह के विराम से

बढ़ चले,बढ चले

तू निरन्तर बढ़ चले।


जीत तेरे हाथ है

आशीष उसका साथ है

ज्ञान का दीपक लिए

वो राह का प्रकाश है।


दे प्रत्यंचा हाथ में

दूर खड़ा वो लक्ष्य से

देखता एकटक तुझे है 

भ्रमित न हो वेग से।


रच दे तू इतिहास तो

स्वप्न उसका पूर्ण हो

हो कही भी वो छिपा

आशीष उसका साथ है।


कर जगा कर चेतना वो

अज्ञान को हटा गया

आशीष दे वो ज्ञान का

संग मुस्कान ले गया।


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