जय गणपति
जय गणपति
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लेखनी में तुम प्रथम हो
पूजनीय भी तुम प्रथम हो
ज्ञान का तुम रूप हो
शक्ति का तुम स्वरूप हो।
भोले के तुम प्रिय हो
पार्वती के तुम पुत्र हो।
संयम के आधार हो
मूषक के तुम स्वामी हो
जग के हो कल्याणकारी
जय हो प्रभु सिद्धि विनायक
गणपति, गजानन तुम्हारी ।
