बचा रह गया था मैं उसके अंदर, और मेरे अन्दर वो बचा रहा क्योंकि उसकी अवाज सुन कर, मन में एक ख... बचा रह गया था मैं उसके अंदर, और मेरे अन्दर वो बचा रहा क्योंकि उसकी अवाज सु...
जिसका स्वरूप अनंत है। जिसका अंश प्रेम है जिसका स्वरूप अनंत है। जिसका अंश प्रेम है
नव पात नव रूप धरा बदले स्वरूप नव कोंपल अनूप ख़ुशी का संसार है। नव पात नव रूप धरा बदले स्वरूप नव कोंपल अनूप ख़ुशी का संसार है।
सौम्य चंचल मोहक हर रूप है तेरा मनभावन काया छोड़ अपने गुणों से ही आगे बढ़ती तू नारी सौम्य चंचल मोहक हर रूप है तेरा मनभावन काया छोड़ अपने गुणों से ही आगे बढ़ती तू...
पलकें शिव खोल दें तो जग जाती धूप है । शिव की छवि ही ब्रम्हांड का स्वरूप है ।। पलकें शिव खोल दें तो जग जाती धूप है । शिव की छवि ही ब्रम्हांड का स्वरूप है ...
अधिकार, भारतीय नागरिक के स्वरूप में..! अधिकार, भारतीय नागरिक के स्वरूप में..!