"गुरु वंदन"
"गुरु वंदन"
अपने गुरु का वंदन जरूरी है
सिर के ऊपर चंदन जरूरी है
जो अपने गुरु के कहे चलते है
उन्हें कामयाबी मिलती पूरी है
सबके माता-पिता है,प्रथम गुरु
इन्हें नित वंदन करना करे,शुरू
जिसके नही कोई दुनिया मे गुरु
वो आदि शिवजी को बना ले गुरु
जीवन मे कभी नही रहे बिना गुरु
बिना गुरु के नही हो सकता गुरुर
गुरु ही बताता सही रस्ता जरूर
गुरु तो जलते हुए दीप है,हुजूर
यह विशेष बात याद रखे,जनता
जीवन मे सद्गुरु न बना ले सस्ता
परखकर ही बनाएं सद्गुरु गरजता
जो जीवन मे दिखाये,सही रस्ता
गुरु पूर्णिमा को,करते सद्गुरु याद
उन्हें मार्गदर्शन हेतु देते,धन्यवाद
गुरु सम्मान हेतु,नारियल देते साथ
इसकी वेदव्यासजी दिलाते,याद
बिना गुरु के यह जिंदगी अधूरी है
वो मिटाता सकता अज्ञानता पूरी है
गुरु कहे जो करे,गुरु करे सो नही
फिर मंजिल पाओगे कोहिनूरी है।
