ये दुहिता है
ये दुहिता है
समशुचि वेद मर्म श्लोक श्रौत है,
कलुष प्रपंचों से यह रहिता है।
कविता केवल लिखित कर्म नहीं,
कविता समस्त पीड़ा की दुहिता है।
कविता है सस्वर प्रथम रुदन,
कविता है मंत्रों का वाचन।
कविता शारद की वीणा है,
कविता संतापों का विघटन।
कविता केवल कला नहीं है,
कविता है जीवन का परिणय ।
कविता जीवन का प्रथम मर्म,
कविता इस हृद का प्रथम प्रणय।
कविता शिशु का वो प्रथम रुदन,
जो माँ का अन्तस् भर देती।
कविता ही एक मात्र जग में,
जो ब्रह्मसहोदर का सुख देती।
