फिर से बालक बनना चाहता हूँ
फिर से बालक बनना चाहता हूँ
नभ मे टिमटिमा रहे तारे को
फिर से पाना चाहता हूँ
माटी मे खेलता हुआ बच्चा
फिर से बन जाना चाहता हूँ
माँ की लोरी पिता की गोदी
फिर से पाना चाहता हूँ
माँ बाबा राजा बेटा तुम्हारा
फिर से बन जाना चाहता हूँ
ऊँगली पकड़ तुम्हारी शहर अपना
फिर से घूम आना चाहता हूँ
स्कूल न जाने के लिए बाहना
फिर से बनाना चाहता हूँ
बचपन के यारों संग खेलते खेलते
लड़कर फिर से घर आना चाहता हूँ
बिन मतलब वाली दोस्ती का रंग
फिर से जमाना चाहता हूँ
पुराने दिन की यादों में फिर से
खो जाना चाहता हूँ
मै फिर से बचपन में लौट जाना
चाहता हूँ।
