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निखिल कुमार अंजान

Romance

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निखिल कुमार अंजान

Romance

निगाहों से क्या खेला है......

निगाहों से क्या खेला है......

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निगाहों मे निगाहें डालकर

निगाहों से क्या खेला है

खूब हैं निगाहें तुम्हारी 

जैसे नीला समंदर कोई

गहरा है

बला की खूबसूरत निगाहें

बख़्शी हैं उस खुदा ने तुम्हें

हर शख्स डूब जाना चाहता है इसमे

लगता है नशा कोई बहुत गहरा है

जाने कौन से राज छु

पाए बैठी हो इन 

निगाहों मे

नकाब से चेहरे को छुपाए हुए हो

और निगाहों पे काजल का लगाया

तुमने सख्त पहरा है

लगता है निगाहों से कत्ल करने का

शौक रखती हो

जो डूबे हैं वो डूब के मर गए

जो डूबने के इंतजार मे है वो

इंतजार मे ही गुजर गए......।


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