इश्क़ नही आकर्षण था.....
इश्क़ नही आकर्षण था.....
वो इश्क नही आकर्षण था
वो प्रेम नही बनावटपन था
नाबालिग ही थे हम दोनो
यही नादानी का कारण था
जब दोस्तों संग मिला करते थे
किस्से डेंटिग के चला करते थे
शायद यही हमारा दीवानापन था
सिंगल रहना मंजूर न था
तूझको पाना ज़ुनून सा था
पाकर तुझको सुकून न आया
इश्क़ नही था तुमसे
खुद से भी कभी कह न पाया
प्रेम नही वो आकर्षण था
किया जो भी सब
वो बनावटपन था.......
जब इश्क़ का दावा था तब इश्क़ न था
जब इश्क़ की नजर पड़ी तो इश्क मे रह गए....
वो पहली सी आखिरी मुलाकात कुछ यूँ रही
तेरे जाने के बाद भी साथ तू रही।