बेरुखी
बेरुखी
मझधार में यूँ रुला के छोड़ गया,
तेरी बेरुखी से दिल ये मेरा रोया है,
तेरी बेरुखी से दिल ये मेरा रोया है !
अँखियाँ जाने कितनी राते ना सोई,
जब से तुने दिल को मेरे तोड़ा है,
तेरी बेरुखी से दिल ये मेरा रोया है,
तेरी बेरुखी से दिल ये मेरा रोया है !
इस कदर तुने मुझको तोड़ा है,
मुझको सिसकियाँ भी ना आयी,
दिल इस कदर तूने तोड़ा है,
तेरी बेरुखी से दिल ये मेरा रोया है
तेरी बेरुखी से दिल ये मेरा रोया है !
