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Amrita Singh

Abstract

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Amrita Singh

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अधूरे से

अधूरे से

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लम्हे मेरे अधूरे से 

लम्हे मेरे अधूरे से ,


साथ तेरा अधूरा सा 

साथ तेरा यू अधूरा सा ।


अधूरा अधूरा ही रह गया। 


लम्हे जो याद आया करते हैं 

तेरे वो भी है अधूरे से । 


जाने कब होंगे पूरे से 

मेरे लम्हे ये अधूरे अधूरे से ।

कब होंगे ये पूरे से ????


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