जाने क्यों.... जाने क्यों....
ये पहली मुलाकात है हमारी, हम बिल्कुल ही अजनबी थे। निगाहें मिल रहीं थी हमारी पर, आ ये पहली मुलाकात है हमारी, हम बिल्कुल ही अजनबी थे। निगाहें मिल रहीं थी हम...
इस छोटे से घर से जाने के बाद किसी के साथ नहीं रहेगा हमारा कोई भी रिश्ता पर हम जहां कह इस छोटे से घर से जाने के बाद किसी के साथ नहीं रहेगा हमारा कोई भी रिश्ता पर...
एक अरसे के बाद, हम मिले एक रास्ते में,, बहुत बदल गयी थी वो,उसके जाने के बाद। थे जब एक अरसे के बाद, हम मिले एक रास्ते में,, बहुत बदल गयी थी वो,उसके जाने के बाद। ...
जाने वह कौन थी, जो हर मुश्किल से बचाती थी। जाने वह कौन थी, जो हर मुश्किल से बचाती थी।
तुम लहर-सी लपकती बिजली-सी कौंध जाती हो तन-मन में, समा जाना चाहता हूँ तुझमें या फि तुम लहर-सी लपकती बिजली-सी कौंध जाती हो तन-मन में, समा जाना चाहता हूँ...