उसके जाने के बाद
उसके जाने के बाद
एक अरसे के बाद, हम मिले एक रास्ते में,,
बहुत बदल गयी थी वो,उसके जाने के बाद।
थे जब साथ उनके,तो था जैसे क़ाफ़िला,
बिया-बाँ से अकेले हो गये थे हम,उसके जाने के बाद।
ना हम कुछ बोल पाए, ना उस से कुछ बयान हुआ,
चाह के भी बोल ना पायी, मेरे मिल जाने के बाद।
कर रही थीं दूरियाँ बयाँ, उसके मेरे दरमियां की,
के आ गए हैं दिलों में फ़ासले,उसके जाने के बाद।
आख़िर होंठों पे रुके लफ़्ज़,निकले कंपकंपाते से,
कहा करो बयान हालत अपनी,हुई थी जो मेरे जाने के बाद।
कश्मकश में था मैं, करूँ बयान कैसे,
वो बेताबियों का दौर,हुआ था जो उसके जाने के बाद।
दिल से जद्दो-जहद के बाद,उतारा ख़यालों का जहाज़ ज़मीं पे मैंने,
फिर किया शुरू फ़लसफ़ा मेरा, थोड़ा उसके क़रीब जाने के बाद।
पास के पेड़ से गिरता सूखा पत्ता, दिखा के मैंने कहा,
के ऐसे,हाँ कुछ ऐसे था मैं, तेरे जाने के बाद।
ना जी पाए,ना मर पाए,ज़िंदगी काट रहे हैं ख़्वाब काट-काट के, तेरे जाने के बाद।
इंतज़ार किया तेरे लौट आने का, या फिर मौत आने का,
ना तुम आए,ना मौत आयी, दोनो हुए बेवफ़ा तेरे जाने के बाद।
निगहबां मेरे सपनो का,बन गया जब क़ातिल मेरा,
तो कैसे हम दरिया लाँघते,बिन कश्ती के तेरे जाने के बाद।
ख़ुश रहो तुम बस, यही है दुआ मेरी,
भूल जाना इस मुलाक़ात को,हमारे संवाद को, मेरे जाने के बाद।

