प्यार के खेल में
प्यार के खेल में
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जिंदगी के खेल में एक तमाशा हो गया
जिसको चाहा दिल से वो मुझसे जुदा हो गया
पहले था वो सिर्फ मेरा महबूब
आज वो खुद मेरा खुदा हो गया
ज़िंदगी की भीड़ में कुछ तो खो गया
जो अपना था आज किसी और का हो गया है
वो मासूम था लोगो के खेल नही जान पाया
अपनों को छोड़ ग़ैरों से दिल लगाया
जब ग़ैरों से धोखा खाया तो
अपनो के पास ही वापस आया
हमने भी अपना समझ
आज उसे सीने से लगाया।