सदा मुस्कुराते रहो।
अपना हाथ लम्बा करके वृंदा के पेट के ऊपर दबाव बनाते हुए शेखर ने सीट को पीछे कर दिया।
Submitted on 24 Sep, 2020 at 18:24 PM
बहुत थकान महसूस हुई।ओह ! ये क्या। उफ़न गई सारी खीर।
Submitted on 21 Sep, 2020 at 17:08 PM
कुछ यादें जो कभी भूलती नहीं...
Submitted on 26 Dec, 2018 at 18:59 PM