गुज़ारिश
गुज़ारिश
गुज़ारिश है
मेरी मौत के बाद
मेरे पार्थिव शरीर के पास
मेरी अच्छी बातें मत करना
मेरे स्वभाव की सकारात्मक विशेषताओं का
सामूहिक वर्णन मत करना
...
जो कुछ मेरी चलती साँसों के साथ नहीं था
उसे अपनी जुबां में
दफ़न ही रहने देना
अपनी बेवजह की स्पर्द्धा में
जो कुछ तुम मेरे लिए सोचते
और गुनते रहे
उसे ही स्थायित्व देना !
मेरी कोई भी अच्छाई
जो मेरे होते
कोई मायने नहीं रखती थी
उसे अर्थहीन ही रहने देना
सामाजिकता का ढकोसला मत करना
मेरे मृत शरीर पर
फूल मत चढ़ाना ....
शिकायत तुम्हें रही हो
या फिर
शिकायत मुझे रही हो
कौन सही था !
कौन गलत था !
इसकी पेचीदगी बने रहने देना
झूठी कहानियाँ मत गढ़ना
...
यकीन रखो,
मेरी रूह को
तुमसे फिर कोई शिकायत नहीं होगी
तुम्हारी ख़ामोशी
मेरी यात्रा में
एक अनोखा योगदान होगी
तुम्हें भी सुकून होगा
कि
विदा की बेला में
तुमने कोई बनावटी अपनापन नहीं दिखाया ...