अतीत का दर्द..
अतीत का दर्द..


जब दर्द के शीशे
गहरे चुभते हैं,
तो हर उपचार के बाद,
उसके निशान,
प्राकृतिक, शारीरिक
चुभन रह जाते हैं!
अति सरल है,
'भूल जाने का परामर्श' देना!
इमारत जिंदगी की अतीत के
खंडहर पर होती है.....
अतीत भूत बनकर इन
कमरों में घुमा करते हैं,
नींद में भी एक दहशत
ताउम्र होती है!
पागलपन कहो या-
मनोविज्ञान का सहारा लो....
बातें ख़त्म नहीं होतीं,
खुदाई यादों की
चलती ही रहती है,
कभी खुशी,
कभी दुर्गन्ध बन
साथ ही रहती है!
गूंजते सन्नाटों की
भाषा वही जानते हैं,
जो सन्नाटों से गुजरते हैं,
अतीत का दर्द - दर्द का
मारा ही जान पाता है!