नारी तुम सम्मान हो
नारी तुम सम्मान हो
नारी तुम सम्मान हो,
हर घर की जान हो।
प्रेम की पहचान हो,
देश का अभिमान हो।
न रुकना कभी चलती जाना,
ये जग तेरा है पहचाना।
अपनी शक्ति को है जाना,
मेहनत को ही किस्मत माना।
तेरा हर रूप निराला है,
आने से तेरे उजाला है।
हृदय से 'तू विशाला है,
भड़के तो तपती ज्वाला है।
तू ही दुर्गा तू ही काली,
पाकर तुझे सब भाग्यशाली।
तेज तेरी सूरज की लाली,
मूरत तेरी ममता वाली।।