नारी तेरी कहानी
नारी तेरी कहानी
क्या सुनाऊँ कैसे सुनाऊँ,
नारी तेरी कहानी।
मै भी तो नारी ही हूँ,
नारी की निशानी।
कुछ नारीयाँ अपनी मेहनत से,
जग में नाम कमाती है,
कुछ घूंघट की आड़ में रहकर
भीड में छिप जाती है।
अपनो में भी रहकर
वो बन जाती है बेगानी
मैं क्या सुनाऊँ कैसे सुनाऊँ,
नारी तेरी कहानी।
इस भीड़ भरी दुनिया में
कुछ बन जाती है शिकार,
शैतान का अंत करने की
खातिर लेती है अवतार !
बदला लेकर दुश्मन से
वो कहलाती है मर्दानी
मै क्या सुनाऊँ कैसे सुनाऊँ
नारी तेरी कहानी।
नारी के मन में बेहद
भरा हुआ है प्यार,
दे दो मानव अब उसको,
उसके सारे अधिकार।
नही माँगती धन व दौलत
वो तो प्रेम दिवानी, '
मैं क्या सुनाऊँ कैसे सुनाऊँ
नारी तेरी कहानी।