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Abha Chauhan

Others

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Abha Chauhan

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माॅं तुम्हारी मोहब्बत सब कुछ नहीं

माॅं तुम्हारी मोहब्बत सब कुछ नहीं

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जब बिना कहे पढ़ लेती मन की सारी बात

थाम लेती हो हर मुश्किल में हमारा हाथ 

तब लगता है माँ तुम्हारी मोहब्बत जैसा कुछ नहीं।


भूख लगने से पहले सामने आ जाता है खाना,

 कोई तुमसे सीखे बातों को अच्छे से समझाना

 ये सच है माँ तुम्हारी मोहब्बत जैसा कुछ नहीं।


 गुस्सा होने पर भी चेहरे पर झलकता है प्यार,

माँ तुम्हारे सामने मुझे हर गलती है स्वीकार,

मेरी लिए माँ तुम्हारी मोहब्बत से बढ़कर कुछ नहीं।


जब भी लड़खड़ाता हूँ मै ,माँ तुम संभाल लेती हो, 

मेरी गलतियों को माँ हर बार क्यों माफ कर देती हो,

 दुनिया में सबसे ऊपर माँ तुम्हारी मोहब्बत है और कुछ नहीं।


ऊपर वाले से इतनी दुआ है मेरी रहना साथ हमेशा तुम

 हम तो गलतियां करते रहगे बस माफ कर देना तुम,

इसलिए तो कहते है माँ तुम्हारी मोहब्बत सा कुछ नहीं।



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