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Abha Chauhan

Tragedy

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Abha Chauhan

Tragedy

गौमाता

गौमाता

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गौमाता हम सब को अपना दूध पिलाती है

इसीलिए तो वह हम सबकी माता कहलाती है


पर इस कलयुग में यह मां हो गई है बेचारी

भूखी प्यासी फिरती है रास्ते में मारी मारी


मानव ने स्वार्थी हो इसको रस्ते पर छोड़ दिया

गौ माता से जो रिश्ता था उससे मुंह मोड़ लिया


जीवन भर यह हमको कहीं से तृप्त करती है

फिर भी रुखा सुखा खाकर अपना पेट भरती है


 गोबर भी है हमारे लिए बड़े काम है आता

पराबैंगनी किरणों की हानि से से हमें बचाता


गाय का शुद्ध घी आंखों की रोशनी है बढ़ाता

गोमूत्र भी पूजा पाठ में बहुत काम आता 


तो आओ हम सब इस बार प्रण ले मिलकर

चाहे कुछ भी हो जाए गौरक्षा करेंगे एक होकर।



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