STORYMIRROR

Abha Chauhan

Tragedy

4  

Abha Chauhan

Tragedy

गौमाता

गौमाता

1 min
790

गौमाता हम सब को अपना दूध पिलाती है

इसीलिए तो वह हम सबकी माता कहलाती है


पर इस कलयुग में यह मां हो गई है बेचारी

भूखी प्यासी फिरती है रास्ते में मारी मारी


मानव ने स्वार्थी हो इसको रस्ते पर छोड़ दिया

गौ माता से जो रिश्ता था उससे मुंह मोड़ लिया


जीवन भर यह हमको कहीं से तृप्त करती है

फिर भी रुखा सुखा खाकर अपना पेट भरती है


 गोबर भी है हमारे लिए बड़े काम है आता

पराबैंगनी किरणों की हानि से से हमें बचाता


गाय का शुद्ध घी आंखों की रोशनी है बढ़ाता

गोमूत्र भी पूजा पाठ में बहुत काम आता 


तो आओ हम सब इस बार प्रण ले मिलकर

चाहे कुछ भी हो जाए गौरक्षा करेंगे एक होकर।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy