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Abha Chauhan

Classics

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Abha Chauhan

Classics

भारत माता

भारत माता

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देश मेरा सिर्फ देश नही ये मेरी भारत माता है, 

इस पावन भूमि से अपना माँ-बेटे का नाता है।


कभी शिवाजी कभी भगत सिंह रूप है मेरे अनेक

भाषा-बोली वेश अलग है फिर भी हम एक।

हमको तो सिर्फ माँ की खातिर प्राण लूटाना आता है,

इस पावन भूमि से अपना माँ बेटे का माता है।


इस मिट्टी की मीनी-भीनी खुशबू खूब लुभाती है,

खेतों में लहलहाती फसलें मेरे मन को भाती है। 

गाँव की चौपालो पे अब भी जीवन गाता है,

इस पावन भूमि से अपना माँ-बेटे का नाता है।


भारत भूमि की संस्कृति सदा अनोखी न्यारी है,

दूर-दूर से आती दुनिया देखने सारी है।

मेरे देश का रूप अनोखा सब के मन को भाता है, 

इस पावन भूमि से सब अपना माँ बेटे का नाता है।


खड़ा हिमालय उत्तर में करता रोज सलाम है, 

प्रेम से मिलकर यहाँ हमारे होते सारे काम है।

देख के मेरे देश की प्रगति सब का मन ललचाता है, 

इस पावन भूमि से सब अपना माँ बेटे का नाता है।


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