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Krishna Bansal

Abstract Inspirational

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Krishna Bansal

Abstract Inspirational

फर्क

फर्क

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परिवार ऊँचे स्तर का हो 

या फिर निचले 

हमारे भारतीय परिवारों में 

लड़की पैदा होने पर 

माथे पर एक बार तो 

सिलवटें पड़ ही जाती है 

चेहरे पर तनाव आ ही जाता है।

ऐसे मायूस हो जाएंगे जैसे

दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो।


बहुत कम लोग होंगे 

जो प्रसन्न होंगे

बेटी के पैदा होने पर 

खुशी जाहिर करेंगे 

नृत्य करने लगेंगे और

धन्यवाद देंगे ईश्वर का।


पराई है 

अपने घर चली जाएगी

इस पर मेहनत करेंगे हम

सुख कोई और उठाएगा।

पढ़ाएंगे लिखाएंगे हम

फायदा कोई और उठाएगा।

सोचते ही नहीं 

किसी दूसरे की बेटी भी तो 

अपने यहां बहू बना कर लानी है।


बेटा होने पर जैसे 

सब के माथे खिल जाते हैं।

'बेटा हुआ है' का नगाड़ा

चारों और बज जाता है

जैसे अभी से सारी खुशियों का भंडार लेकर आ गया हो।


बाद में चाहे 

लड़की अपने प्यार, दुलार व 

मनमोहक अदाओं से

इतना प्यार पा जाती है 

जितना बेटा भी नहीं ले पाता।



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