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Suresh Sachan Patel

Abstract Inspirational

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Suresh Sachan Patel

Abstract Inspirational

।।नारी।।

।।नारी।।

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नारी प्रकृति की एक अद्भुत रचना।

    कर श्रृंगार सुंदर रूप में सजना।

       ममता को दुनिया में छलकाना।

          प्यार के रंग दुनिया को दिख लाना।


  जिस घर में नारी वास हो जाता।

      स्वर्ग से सुंदर वह घर हो जाता ।

         वहाॅ॑ दुख का संकट कभी न आता।

               खुशियों का सागर भर जाता।


नारी सृष्टि की अनमोल रतन है।

   जहाँ न होती नारी वहीं पतन है।

      जहाँ श्रद्धाभाव नारी को नमन है।

          हर दुख दर्द होता वहीं शमन है ।


मानव समाज की धुरी है नारी।

   अति कोमल अति प्यारी प्यारी।

      कलियों सी चंचल चहक है इसमें। 

         फूलों जैसी मोहक महक है इसमें।


नारी से ही राम कृष्ण बुद्ध सब जन्मे।

   लक्ष्मी, दुर्गा जैसी वीर नारियाॅ॑ देखी सबने।

        सम्मान सदा नारी जीवन का करना।

         सुरेश, संत मनीषियों सबका है कहना।


     


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