शिद्दत से मिलता है इश्क़
शिद्दत से मिलता है इश्क़
शिद्दत से मिलती है मुहब्बत हमको
संभाल कर रखो कहीं छूट न जाए
कांच की कीमत तभी क्या जानते हो
दुख होगा संभालो कहीं टूट न जाए।।
यार तकदीर का तमाशा है यहां और कुछ नहीं
ज़िन्दगी की बोली है यहां और कुछ नहीं
मत बहको इस ज़ालिम दुनिया ये फूलों
बरसती गोली है यहां और कुछ नहीं।।
देख लिया है सब कुछ चख कर
कोई स्वाद नहीं दुनिया में
यार भरोसा कर लो मुझ पर
है अपवाद नहीं दुनिया में।।
बिछड़ गया जो लौटा क्या है
बड़ा बना तो छोटा क्या है
जब गिलास से काम चला तो
चलो हटाओ लोटा क्या है।