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आचार्य आशीष पाण्डेय

Abstract Fantasy Inspirational

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आचार्य आशीष पाण्डेय

Abstract Fantasy Inspirational

मित्र

मित्र

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दोस्त वही जो विपदा तारे

अन्धकार की छाया उजाड़े

और प्रकाश में दृष्टि डालकर

शुभ दिन इक झंडा गाड़े।।


दोस्त नहीं तो जीवन क्या है?

सच नहीं तो आईना क्या है?

दोस्त नहीं तो क्या आज़ादी?

दोस्त यदि तो बंधन क्या है?.


मित्र बिना गुमशुदगी के

मित्र नहीं न इच्छा पूरी

मित्र नहीं तो क्या सुख सागर

दोस्त यदि तो क्या मजबूरी।।


दोस्त साथ है तो पथ सारा

लाइव मार्ग मिलता है

मित्र नहीं तो सुखमय भी

दुख के साथ अग्नि में जलता है।।



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