शीर्षक--प्यार का बंधन
शीर्षक--प्यार का बंधन
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ये बंधन सुख देने वाली
धीमी हवा है
पर आंधी सा इसका
बहाव है।।
जो हवा का सुख चाहकर
गया
वो आंधी के वेग में बह
गया।।
उसे कुछ हासिल नहीं होता
हाथ खाली रह जाता है
मैल छुडाने के लिए
बस और कुछ नहीं।।