प्यार की गहराई...
प्यार की गहराई...


मैं आपकी चाहत मैं
जोगनिया हो गई,
आपकी मुस्कान दिल में
यूं ही तीर की तरह चुभ सी गई,
आपकी बातों में कुछ तो था,
पर आप लफ्जों से न बल्कि
आँखों से बोल रहे थे, जो दिल
सुनने के लिए तरस रहा था,
हम आपकी चाहत में
जोगनिया बन गए,
बारिश कि बुंदे रिमझिम बरस रही थी,
मेरा दिल आपके खयालों मैं बरस रहा था,
पवन कि लहरों ने छुआ,
तो मानो जैसे आपका पैगाम
आया न हो, हम सँवरने लगे,
बादलों से आप बारे मैं बातें किया करते थे,
ओ हमसफर तन्हाई मैं आपको याद किया करते थे।
आपकी चाहत में जोगनिया बन गए।