मेरे हमसफर
मेरे हमसफर
वो मेरे दिल में आज भी है
वो मेरा हमसफर आज भी है
जब उनसे मिला था इश्क हो ही गया था
वो मेरे इश्क के सिरताज आज भी है
कुछ देर ठहरे थे ,नजर थी मिलायी
उस नजर से हुए घायल आज भी है
सफर था सुहाना ,वो सरोवर था प्यारा
गोद में सर था मेरा याद आज भी है
अधर पे अधर थे नैनों में लिहाज था
वो इश्क का चुम्बन सताता आज भी है
हक उन्होंने दिया ,प्यार में चूर हो गए
उनका प्यारा आलिंगन लिपटा आज भी है.