प्यार का राज
प्यार का राज
अगर लफ्जों में ही
जानना था प्यार
तो झुकी निगाह उठा कर
किया होता कोई इजहार
मै हर साँस के साथ
हर एक सबद बोल देता
मेरी धडकनो मे जो तेरा प्यार बसा
हर साँस मे जाता देता
पर तुम थे बडे बेवफा
के चुप्पी मे सब बोल गये
हम जुल्फों के हुस्न मे उल्झे रहे
तुम राज आँखों से खोल गये।

