STORYMIRROR

Smriti Shikha

Romance

4  

Smriti Shikha

Romance

सुना अपनी दिल की बात

सुना अपनी दिल की बात

3 mins
408



कहती है दिल की धड़कन कुछ तुम भी सुनो ना जो बात मैं कहूं वो बिना कुछ बोले समझ लो न

है जो राज़ छुपा दिल में तुम्हारे तुम वो केहेदो ना बिना कुछ सोचे अपने दिल की बात का इज़हार करो ना 

क्या पता कभी आए वक्त ऐसा जो चलती रहे दुनिया अपनी तरह 

मगर मोड़ ले हम हमारे रास्ते किसी और तरफ जहां हो जाए हम अकेले और तुम भी अकेले 

और रह जाए बात तुम्हारी अधूरी और रह जाओ तुम ज़िंदगी भर इस बात से पछताते 


की ना कह सके तुम बात अपनी दिल की जब समय था वक्त भी था और सामने सुनने वाली भी थी 

मगर तुम हीं ना कह सके दिल की बात अपनी जब मौजूद थी सारी सुविधाएं जब थी नही कोई रुकावट ।



जब होते हो तुम मेरे सामने बेखौफ बेधड़क बिना सोचे कुछ करती तुमसे अपनी दिल की बात हूं 

जो रहता है मेरे दिल में वही बात बिना बदले आती मेरे जुबां पे है सिर्फ ये सोचके की लगते तुम मेरे अपने हो 

जैसा है तुमसे जुड़ा कोई रिश्ता ऐसा जो कहे मुझे की लगते तुम मेरे अपने हो जैसा कोई सच्चे दोस्त हो या हो कोई कामसफर मेरा

जो सुने मेरी दिल की बातें कदर करे मेरे खयाल मेरे सोच की मेरे चाहत और सवाल ना करे मेरे फैसले पर मेरे चुनाव पर 


और सही या ग़लत का कराए एहसास जो चुभे ना मेरे दिल को और मेरे मन बस कराए अपनी गलती का बिना डराए एहसास 

नही है मे

रे ज़िंदगी में, और मेरे दुनिया में आए कोई तुम्हारे जैसा जिससे कर पाऊं मैं अपनी दिल की बातें और कर पाऊं अपने दिल का हाल बयां

जो सुने मेरी दिल की हर बात गौर से फरमाए अपना गौर और बांटे खयाल, अपनी सोच मेरे साथ समझ कर मुझे अपना ऐसा मिला कोई न मुझे तुमसा आज तक इस दुनिया में ।



नेही चाहती मैं ये की सिर्फ में बनू हर वक्त हर समय हर जगह तुम्हारी वक्त और बनो हर वक्त हमेशा तुम मेरे श्रोता 

में चाहती ये हूं की बन पाए हम दोनो एक दूसरे के सुख दुख के साथी जो रहे साथ हर वक्त एक दूसरे के और समझे एक दूसरे को बिना करे कोई सवाल

कभी कभी बदल दे हम अपनी जगह की बोल पाओ तुम भी अपनी दिल की बात बांट सको तुम भी अपने दुख और दर्द 

समझ पाओ तुम मुझे इतना काबिल की बन पाऊं मैं तुम्हारी श्रोता और केहे तुम अपने दिल के राज़ हो कर बेखौफ बेधड़क 


समझो मुझे भी तुम तुम्हारे अपने की बांट पाओ अपने बातें जो दफन है तुम्हारे दिल में बन के कईं राज़

जो हल्का करे तुम्हारे दिल के बोझ को तुम्हारे तकलीफों से दिलाए तुमको राहत और दिलाता हो तुम्हे चैन 

दे तुम्हे सुकून और शांति ऐसी हो तुम्हारी हालत जो दे तुम्हे खुशियां और दे तुम्हारे मन को तस्सली की है मेरे पास भी साथी ऐसा जिससे कर सकूं मैं अपनी दिल की हर बात हर दर्द का कर पाऊं खुलासा और जिससे कर के मिलती है बड़ा राहत और सुकून ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance