STORYMIRROR

meri kissebaazi

Romance

4  

meri kissebaazi

Romance

एक दफा पुरानी दिल्ली आओगे क्या !

एक दफा पुरानी दिल्ली आओगे क्या !

1 min
410

सब कहते हैं दिल्ली दिलवालों की है

पर मेरे लिए दिल्ली तुम्हारी है।


तुम नोएडा सेक्टर 62 में रहते हो

और मैं पुरानी दिल्ली में।

एक शहर में होकर भी कितने दूर हैं हम


मुझे पता है तुम्हें नोएडा की शांत गलियां भाती होंगी,

पर एक दफा पुरानी दिल्ली आओगे क्या !


मुझे हर उस जगह दुआ करनी है

जहां इंसान मज़हबी हो कर जाता है


तुम्हारे लिए,

एक मन्नत का धागा जामा मस्जिद में बांधना है,

एक प्रार्थना गौरी शंकर मंदिर में करनी है,

एक अरदास सीसगंज गुरुद्वारे में करनी है,

एक नवकार दिगम्बर मंदिर में जपना है।


मुझे पता है तुम्हें अपनी दोपहर की नींद प्यारी है,

पर क्या एक रोज़ मेरे लिए जाग पाओगे तुम !


तुम यूं ही,

मीना बाज़ार से एक झुमका दिला देना मुझे।


सुनो,

किनारी बाज़ार से एक गोटे वाली साड़ी लेनी है मुझे

और उसे सिर्फ़ तुम्हारे लिए पहनना है।


तुम्हें बिरयानी पसंद है ना !

करीम की बिरयानी खिलाऊंगी तुम्हें

फिर तुम कलकत्ते की बिरयानी को

थोड़ा कम याद करोगे।


शाम ढलते ही हम नागोरी हलवा भी खाएंगें,

चांदनी चौक की तंग गलियों की भीड़ में,

मैं यूं ही तुम्हारा नाम पुकार लूंगी


तुम पलट कर देखोगे ना मुझे !!


क्या एक पूरी रात घूमोगे मेरे संग

पुरानी दिल्ली की रौशन गलियों में !!


वादा रहा

तुम्हारा वो एक कीमती दिन

मैं और पुरानी दिल्ली बेशकीमती बना देंगें,

ताउम्र के लिए।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance