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meri kissebaazi

Romance

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meri kissebaazi

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बस वही हमारा सा इश्क़ देना

बस वही हमारा सा इश्क़ देना

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अच्छा सुनो,

मुझे देना ही हो तो वही पुराना इश्क़ देना

जहां तुम थे और थी मैं।


कुछ एहसास थे नए, कुछ बातें थीं नई सी

जहां तुम्हारी मुस्कुराहटें मेरी आँखों से हो कर गुज़रा करती थीं।


तुम्हारी किताबों में हर रोज़ मेरे नाम के फूल महका करते थे,

जहां हम चाय और झुमकों की बातें किया करते थे।


तुम्हारे गानों की धुन मेरी गालों की लाली बन जाया करती थी,

जहां मेरी काली बिंदी तुम्हारी पहली पसंद हुआ करती थी।


तुम्हारी ज़रूरी बातें शुरू होकर यूं ही, मुझपर ख़त्म हुआ करती थीं,

जहां किस्सों में सुबह और शाम के बादल हुआ करते थे।


तुम्हारी सुबहों में मेरा नाम हुआ करता था,

जहां मेरे चांद को भी तुमसे रश्क़ हुआ करता था।


ग़र देना ही है कुछ...

मुझे तो वही पुराना सा इश्क़ देना,

बस वही हमारा सा इश्क़ देना।


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